या भारतात बंधुभाव नित्य वसू दे…

या भारतात बंधुभाव नित्य वसू दे। दे वरचि असा दे। हे सर्व पंथ संप्रदाय एक दिसू दे। मतभेद नसू दे ॥धृ o॥ नांदतो सुखे गरिब-अमिर एक मतानी। मग हिंदू असो ख्रिश्चन वा हो इस्लामी। स्वातंत्र्य सुखा या सकलामाजि वसू दे। दे वरचि असा दे॥१॥ सकळास कळो मानवता, राष्ट्रभावना। हो सर्वस्थळी मिळुनि सामुदायिक प्रार्थना। उद्योगी तरुण … Continue reading: या भारतात बंधुभाव नित्य वसू दे…